-मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में महफिल-ए-ग़ौसुलवरा।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाज़ार में महफिल-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। छात्रों ने नात व मनकबत पेश की।
अध्यक्षता करते हुए मुफ़्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक में सभी लोगों के लिए रोशनी, हिदायत, हिकमत और शिफा है। यह किताब ज़िंदगी गुजारने का तरीक़ा बताती है। ज़िंदगी का संविधान व नियम कानून है। आसमानी कानून है। यह किताब अच्छे बुरे में फर्क व तमीज करती है। यह अल्लाह की किताब है। कलाम भी है और सिफत भी। इसके एक-एक हुरूफ पढ़ने पर दस नेकियां मिलती हैं। इस किताब का तर्जुमा व मतलब भी जरुर पढ़ा जाए या आलिमों और जानकारों से मालूम किया जाए। कुरआन और हदीस पर पूरी तरह अमल करें। आखिरत की तैयारी करें। नमाजों को उनके वक्तों पर अदा करने की पाबंदी करें।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। महफिल मेें मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, हाफिज़ नजरे आलम कादरी, मौलाना इदरीस, कारी अनीस, हाफिज रेयाज अहमद, मोहम्मद आज़म, नवेद आलम, हाफिज महमूद रज़ा कादरी, सूफी निसार, हाफिज रहमत अली निजामी आदि मौजूद रहे।